सब -ए- बारात की नफिल नमाज

⭐सब -ए- बारात की नफिल नमाज का तरीक़ा⭐


🔖सब -ए- बारात की नफिल नमाज
🌸2 रकात - नफ़्ल तहय्यतुल वुजू पढ़िए।

नियत करता हु मैं २ रकत नमाज़े नफिल, वास्ते अल्लाह तआला के, मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर।
🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद एक बार आयतुल कुर्सी, तीन बार कुल हुवल्लाहु शरीफ 
🤲फजीलत: हर क़तरा पानी के बदले सात सौ रकात नफ़्ल का सवाब मिलेगा।

🌸2 रकात -

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद एक बार आयतुल कुर्सी, पंद्रह बार कुल हुवल्लाहु शरीफ। सलाम के बाद सौ बार दुरुद शरीफ।

🤲फजीलत: रोजी में बरकत होगी। रंजोग़म से नजात। गुनाहो की बख्शीश, मगफिरत होगी।

🌸8 रकात- ( दो - दो  रकात करके)

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद पांच बार कुल हुवल्लाहु शरीफ।

🤲फजीलत: गुनाहो से पाक व साफ़ होगा, दुआए क़ुबूल होंगी, सवाबे अज़ीम होगा।

🌸12 रकात- ( दो - दो  रकात करके)

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद 10 बार कुल हुवल्लाहु शरीफ।

🤲12 रकात नमाज पढ़ने के बाद 10 बार कलमए तौहीद, 10 बार कलमए तमजीद, 10 बार दुरुद शरीफ पढ़े।



🌸14 रकात- ( दो -दो  रकात करके)

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद, जो सुरह चाहे पढ़े। 

🤲फजीलत: जो भी दुआ मांगोगे क़ुबूल होंगी।

🌸4 रकात- ( एक सलाम से )

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद 50 बार कुल हुवल्लाहु शरीफ। 

🤲फजीलत: गुनाहो से ऐसे पाक हो जायेगा जैसे अभी माँ के पेट से पैदा हुआ।

🌸8 रकात - ( एक सलाम से )

🕌तरकीब: हर रकात में अल्हम्दो शरीफ के बाद 11 बार कुल हुवल्लाहु शरीफ।

🤲इस का सवाब खातून ए जन्नत हजरत फ़तिमातुज जोहरा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा को नजर करे।

🌷सलात फातिमा-तुज-ज़ोहरा🌷
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हज़रत शैख़ अबुल क़ासिम सफा से मन्क़ूल हैं की एक रोज़ मैंने हज़रत फ़ातिमा रदि -अल्लाहु-अन्हा को ख़्वाब मे देखा!बाद सलाम के मैंने अर्ज़ किया की अये खातून-ऐ-जन्नत आप क़िस चीज़ को ज़्यादा दोस्त रखती हैं की रूह-ऐ-मुबारक को बख्शूं फ़रमाया सय्यद-ऐ-कौनैन  को दोस्त रखतीं हूँ! शाबान के महीनें मे 8 रकात 2 सलाम से 4 क़ायदाः के साथ और हर रकात मे बाद अल-हमदः के सुर-ऐ-इखलास 11 बार पढ़े! जो कोई येह नमाज़ माह-ऐ-शाबान मे पढ़े औऱ मुझें इसका सवाब बख्शे तो अये अबुल क़ासिम मैं हरगिज़ क़दम ना रखूंगी ज़न्नत मे जबतक कि उसकी शफ़ाअत ना कराऊं
(शहूर व-सियाम)

🤲फजीलत: आप फरमाती है " मैं नमाज पढ़ने वाले की शफ़ाअत किया बिना जन्नत में एकदम न रखूगी।


☪️रोजे की फ़ज़ीलत

हुजूर सल्लल्लाह तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं की जिसने शाबान में एक दिन रोज़ा रखा इसको मेरी शफ़ाअत हलाल हो गई। एक और  हदीस शरीफ हुजूर सल्लल्लाह तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं की जो शख्स शाबान की 15 तारीख को रोज़ा रखेगा जहन्नम की आग न छुएगी।
दुरूद -ऐ- इब्राहिम


मोहम्मद फखरुद्दीन  रज़ा भारत गंज 
वालिदैन की दुआओ से......


Comments

  1. Assalamualaikum bhaiyya kya jitne rakaat shabb e baraat ke बताए आप औरतों पद सकते namaz

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    1. Ji haa. Agar aurat chahe to kyunki ye Nawafil Namaj hai.

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