Allah kasam nazro me meri, jab gumbade khazara hota hai. अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है। जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।


https://youtu.be/AFNb8uT4TvU

Allah kasam nazro me meri,
jab gumbade khazara hota hai.

Jannat ki bhi jannat hoti hai,
Kaabe ka bhi kaaba hota hai.

Taajime nabi me Huron malak,
Jhuk jate hai pake unki jhalak.

Jab Arshe Bari pe jalwa farma
Meraaz ka dulha hota hai.

Allah kasam nazro me meri,
jab gumbade khazara hota hai.

Sabbir ne nana ki khatir jab,
Jaam-e-Shahadat nosh kiya.

Ye dhekh ke duniya hairan thi,
Aisa   bhi nawasa hota hai.

Allah kasam nazro me meri,
jab gumbade khazara hota hai.

Editor : Mohammad Fakharuddin Raza
 
हिंदी मे.


अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

ताजीम नबी मुझे हूरो मलक, झुक जाते है पाके उनकी झलक।
जब अर्शे बरी जलवा फीगर, मिराज़ का दूल्हा होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

फारूख ने कलम ए हक पढ़कर, सरकार से बोले ये आकर।
अब होंगे इबादत काबे मे, क्यु छुप छुप सजदा होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है।
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

वल्लैल इजा यबशा की महक, आती है नबी के.गेसू से
वश्शम्श के जलवो मे हमको, दीदार नबी का होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है।
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

राहीब ने अबू तालिब से कहा, तूम इसको हेफाजत से रखना।
इस तिब्ल के रूहे अनवर से, इजहार नबी का होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है।
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

यासीन मुब्श्शीर ओ ताहा, कुर'आन मे पढ़कर दिल ने कहा।
सरकार दो आलम का मुमताज, क्या खूब कशीदा होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

शब्बीर ने नाना की खातिर जब, जाम-ए-शहादत नोश किया।
ये देख के दुनिया हैरां थी, ऐसा भी नवासा होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है।
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

अल्लाह रे गौसे आजम की, क्या खूब करामत थी लोगो।
एक चोर पे कर देते है करम, अब्दाल वली का होता है।

अल्लाह कसम नजरों मे मेरी, जब गुम्बदे खजँरा होता है।
जन्नत की भी जन्नत होती है, काबे का भी काबा होता है।

https://youtu.be/AFNb8uT4TvU

संपादक : मोहम्मद फखरुद्दीन रज़ा ।

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