सहाबा का इश्क ए रसूल ﷺ


* सहाबा का इश्क ए रसूल *

POST CREATED BY :- ANWAR SAMA 

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जब गजवा - ए - उहद में हुजूर नबी ए करीम रहमतुल्ली आ-लमीन ﷺ जख़्मी हो गए | तो चारो तरफ से कुफ्फार ने आप पर तीरों-तलवार का वार शुरू कर दिया यह मंजर देखकर जाँ - निसार सहाबा का खून खौलने लगा और वह अपनी जान हथेली पर रखकर आपको बचाने के लिए इस जंग की आग में कूद पडे | 

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• हजरते अबू दुजाना रजियल्लाहु अन्हु •

जब हज़रत अबू दुजाना रजियल्लाहु अन्हु ने देखा की कुफ्फार रसूल अल्लाह ﷺ पर हमला कर रहे तो आप झुक कर हजूर ﷺ के लिए ढाल बन गए | और आप पर चारो तरफ से तलवारें बरस रही थी और आप की पुश्त पर तीर बरश रहे थे लेकिन वो ऐसी ढाल बने की दूश्मन के नेजें या तलवार की मार आपने रसूलुल्लाह ﷺ तक पहूचने नही दी | 

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• हज़रते तलहा रजियल्लाहु अन्हु • 

हजरते तलहा रजियल्लाहु अन्हु की जाँ- निसारी का यह आलम था की वह कुफ्फार की तलवारों के वार अपने हाथ पर रोकते थे | यहाँ तक कि उनका एक हाथ कटकर शल हो गया | और उनके बदन पर पैंतिस या उंतालिश जख्म लगें | 

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• हजरते कतादह बिन नुअमान अन्सारी रजियल्लाहु 
अनहु • 

हजरते कतादह बिन नुअमान अन्सारी रजियल्लाहु अन्हु हजूर ﷺ के चहरा ए अनवर को बचाने के लिए अपना चेहरा दुश्मनों के सामने किए हुए थे की काफिरों का एक तीर उनके आँख पर लगा और आँख निकलकर उनके रुखसार पर आ गई | हजूर ﷺ ने अपने हाथ मुबारक से उनकी आँख को उठाकर आँख के हलके में रख दिया और यूं दुआ फरमाई कि या अल्लाह ! कतादह की आँख बचा ले जिसने तेरे रसूल के चेहरे को बचाया ! रसूल अल्लाह की दूआ का ये असर हुआ कि उनकी आँख दूसरी आँख से ज़्यादा रौशन और खूबसूरत हो गई |

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( बुखारी शरीफ) 
(जूरकानी).

ये थे वो सहाबा जिन्होंने अपनी जान की परवा किये बगैर रसूल अल्लाह ﷺ की हिफाज़त की और आज अफसोस ये हाल है कि जिसे ठीक से पेशाब करने की तरीका भी नही पता वो हमारे नबी ए करीम ﷺ के खिलाफ़ बात करता है |

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Anwar sama

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